इस में तीन ऐसी फिल्में बताई गई हैं जो आपको मात्र दो घंटे में बिज़नेस और जीवन की गहरी समझ दे सकती हैं।
पहली फिल्म "The Founder" है, जो दिखाती है कि McDonald's जैसे पॉपुलर फास्ट फूड ब्रांड की शुरुआत कैसे हुई और वह एक मिलियन डॉलर ब्रांड कैसे बना।
🎬 फिल्म का नाम: The Founder (2016)
🎥 निर्देशक: John Lee Hancock
👤 मुख्य कलाकार: Michael Keaton (Ray Kroc), Nick Offerman, John Carroll Lynch
📖 कहानी का सारांश:
"The Founder" एक बायोग्राफिकल ड्रामा फिल्म है जो McDonald's की स्थापना और उसके पीछे की असली कहानी को दर्शाती है। इस फिल्म का मुख्य पात्र है रे क्रॉक (Ray Kroc), जो एक साधारण मिल्कशेक मशीन सेल्समैन से अमेरिका के सबसे बड़े फास्ट फूड एंपायर का मालिक बनता है।
फिल्म की शुरुआत होती है 1950 के दशक में, जब रे क्रॉक को एक छोटा सा रेस्टोरेंट दिखाई देता है—McDonald's, जो दो भाई, रिचर्ड और मौरिस मैकडॉनल्ड (Richard & Maurice McDonald) द्वारा चलाया जा रहा होता है। रे इस रेस्टोरेंट की अनोखी स्पीडी सर्विस और सीमित मेन्यू से इतना प्रभावित होता है कि वह इस ब्रांड को फ्रेंचाइज़ करने का आइडिया लेकर आगे बढ़ता है।
धीरे-धीरे, रे क्रॉक ब्रांड का पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लेता है और McDonald's को एक ग्लोबल ब्रांड बना देता है, लेकिन इस सफर में वह नैतिकता, रिश्तों और मूल्यों की कुर्बानी भी देता है।
💡 फिल्म से सीख:
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एक आइडिया को पहचानना और उसे स्केल करना एक कला है।
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बिज़नेस में सिर्फ मेहनत ही नहीं, विज़न और स्ट्रैटेजी भी ज़रूरी होती है।
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सफलता पाने के लिए कभी-कभी कठिन और विवादास्पद फैसले लेने पड़ते हैं।
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ब्रांडिंग और सिस्टमेटिक प्रोसेस कैसे किसी बिज़नेस को ग्लोबल बना सकते हैं।
🎯 क्यों देखें ये फिल्म?
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अगर आप एंटरप्रेन्योरशिप या स्टार्टअप में रुचि रखते हैं तो ये फिल्म आपको व्यावहारिक दृष्टिकोण देगी।
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यह फिल्म दिखाती है कि सिर्फ आइडिया नहीं, उसे बेचने की कला ही असली सफलता है।
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यह एक प्रेरणादायक लेकिन रियलिस्टिक कहानी है—जिसमें सफलता की चमक के पीछे की सच्चाई भी दिखाई गई है।
दूसरी फिल्म "The Big Short" है, जो 2008 के फाइनेंशियल क्राइसिस को दर्शाती है—जहां एक ओर लोग अपने पैसे खो रहे थे, वहीं कुछ लोग इसी संकट से अरबपति बन गए। यह फिल्म खासकर ट्रेडिंग में रुचि रखने वालों के लिए जरूरी है।
फिल्म "The Big Short" एक अमेरिकी बायोग्राफिकल ड्रामा है जो 2015 में रिलीज़ हुई थी। यह फिल्म माइकल लुईस की किताब
"The Big Short: Inside the Doomsday Machine" पर आधारित है और इसका निर्देशन एडम मैके ने किया है। फिल्म में प्रमुख भूमिकाओं में क्रिश्चियन बेल, स्टीव कैरेल, रयान गॉस्लिंग और ब्रैड पिट जैसे दिग्गज कलाकार हैं।
"The Big Short" की कहानी (हिंदी में):
यह फिल्म 2008 में आए ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस (आर्थिक मंदी) पर आधारित है।
इसमें उन कुछ निवेशकों की कहानी दिखाई गई है, जिन्होंने बाकी दुनिया से पहले यह समझ लिया था कि अमेरिका का हाउसिंग मार्केट एक बहुत बड़े बुलबुले में है और वह जल्दी ही फटने वाला है।
फिल्म में चार मुख्य किरदार हैं, जो अलग-अलग तरीकों से इस आर्थिक संकट को पहले से पहचानते हैं और उसके खिलाफ "short" करके मुनाफा कमाते हैं।
“Shorting” एक ट्रेडिंग रणनीति होती है जिसमें आप किसी गिरती हुई संपत्ति पर दांव लगाते हैं। जब पूरा मार्केट क्रैश होता है और लोग अपनी जमा पूंजी गंवा रहे होते हैं, ये लोग अरबों डॉलर कमाते हैं।
फिल्म से मिलने वाली सीखें:
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आँख बंद करके सिस्टम पर भरोसा मत करो: बैंक, सरकार और रेटिंग एजेंसियाँ भी गलत हो सकती हैं।
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शिक्षा और रिसर्च का महत्व: सही जानकारी और समझ होने से आप दूसरों से आगे रह सकते हैं।
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जो दिखता है, वही सच नहीं होता: सतह के नीचे चल रही चीज़ों को समझना बहुत जरूरी है।
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लालच और नैतिकता के बीच संघर्ष: फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे पैसा कमाने की होड़ में लोग नैतिकता को पीछे छोड़ देते हैं।
क्यों देखें यह फिल्म?
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अगर आप फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट या स्टॉक मार्केट में रुचि रखते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक शानदार सीख हो सकती है।
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यह आपको 2008 की आर्थिक तबाही के पीछे के असली कारण समझने में मदद करेगी, और यह बताएगी कि बड़ी-बड़ी संस्थाएँ भी कैसे ग़लतियाँ कर सकती हैं।
तीसरी फिल्म "The Social Dilemma" एक डॉक्यूमेंट्री है, जो यह दिखाती है कि सोशल मीडिया कैसे हमारे दिमाग को नियंत्रित करता है और हमें लगता है कि हम फ्री में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि असलियत कुछ और ही होती है।
🎬 द सोशल डिलेमा (The Social Dilemma)
वर्ष: 2020
निर्देशक: जेफ ऑर्लोव्स्की (Jeff Orlowski)
शैली: डॉक्यूमेंट्री, ड्रामा
प्लेटफ़ॉर्म: नेटफ्लिक्स (Netflix)
📖 कहानी का सार:
"The Social Dilemma" एक शक्तिशाली डॉक्यूमेंट्री है जो यह दिखाती है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Facebook, Instagram, Twitter, और YouTube हमारे दिमाग और व्यवहार को किस तरह प्रभावित कर रहे हैं।
यह फिल्म साफ़-साफ़ दिखाती है कि कैसे बड़ी टेक कंपनियाँ हमारे डेटा का इस्तेमाल करके हमें स्क्रीन के पीछे बांधकर रखती हैं, हमारी आदतों को नियंत्रित करती हैं और समाज को बाँटने तक का कारण बनती हैं।
🔍 मुख्य विषय:
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डेटा ट्रैकिंग: सोशल मीडिया कंपनियाँ हर क्लिक, लाइक और सर्च को ट्रैक करती हैं ताकि आपके ऊपर ज्यादा से ज्यादा प्रभाव डाला जा सके।
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एडिक्शन (लत): इन ऐप्स को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि आप बार-बार उन्हें चेक करें।
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फेक न्यूज़ और पोलराइजेशन: कैसे एल्गोरिद्म केवल वही चीज़ें दिखाते हैं जो आपकी सोच से मेल खाती हैं, जिससे समाज में कट्टरता और गलतफहमियाँ बढ़ती हैं।
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मेंटल हेल्थ: विशेष रूप से किशोरों में आत्म-सम्मान में गिरावट, तनाव और अवसाद में वृद्धि।
🧠 क्या सीखने को मिलता है:
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टेक्नोलॉजी की असली ताकत और उसका दुरुपयोग कैसे हो सकता है।
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डिजिटल डिटॉक्स की ज़रूरत और सोशल मीडिया के प्रति जागरूकता।
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हमें सोशल मीडिया का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए ताकि यह हमें कंट्रोल न करे।
👥 फिल्म में कौन-कौन हैं:
इस डॉक्यूमेंट्री में Google, Facebook, Twitter और Instagram जैसी कंपनियों के पूर्व कर्मचारी और डिज़ाइनर्स शामिल हैं जिन्होंने खुद इन एल्गोरिद्म को बनाया और अब उनके दुष्प्रभावों के खिलाफ बोल रहे हैं।
🌐 क्यों देखनी चाहिए:
अगर आप सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं (जो कि लगभग हर कोई करता है), तो यह फिल्म आपको जागरूक बनाएगी कि आप कैसे इन प्लेटफॉर्म्स के 'प्रोडक्ट' बन चुके हैं।
यह फिल्म आपकी सोच बदल सकती है कि आप इंटरनेट और सोशल मीडिया को किस नजरिए से देखते हैं।



1 Comments
Nice Movie all I love it
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